अगर आप बाइक,स्कूटी या कार चलाते हैं तो ये खबर आपके लिए है. परिवहन विभाग ने आपको बड़ी राहत दी है. अब आपको डीएल और आरसी जैसे दस्तावेज लेकर चलने की जरूरत नहीं है. अब इन कागजात के बगैर भी बिना किसी झंझट के आप सफर कर सकते हैं. और कोई पुलिस वाला या ट्रैफिक वाला चालान भी नहीं काट सकेगा. लेकिन इसके लिए आपको क्या करना होगा वो जानिए
डिजि लॉकर एप दिलाएगा मुक्ति
केंद्र सरकार ने डिजिटल और पेपरलेस सिस्टम बनाने के लिए डिजि लॉकर एप लांच किया है। अब बिहार सरकार ने इस एप को मान्यता दे दी है. यानि अगर डिजि लॉकर में डीएल, आरसी जैसे दस्तावेज हैं तो आपको चालान नहीं भरना पड़ेगा. बस आपको कोड बताना होगा.
आपको क्या करना होगा जानिए
डिजिलॉकर एप के लिए आपको अपने मोबाइल के गूगल-प्ले स्टोर पर जाना होगा और डिजिलॉकर एप को डाउनलोड करना होगा। एप के डाउनलोड होने के बाद इसमें आपको अपनी पर्सनल डिटेल भरनी होगी, जिससे आपकी आईडी क्रिएट हो जाएगी। साथ ही आधार नंबर भरना होगा. जिसके बाद आधार नंबर से लिंक मोबाइल में एक ओटीपी( वन टाइम पासवर्ड) आएगा. इस ओटीपी को वहां भरना होगा. जिसके बाद इस एप में आप अपने दस्तावेज, जैसे कि लाइसेंस, इंश्योरेंस, प्रदूषण और आरसी की डिटेल को स्कैन कर अपडेट कर लें। इन सबके बाद एप से एक बार कोड मिलेगा, उसी कोड का इस्तेमाल जांच के समय दिखाना होगा। वहां मौजूद अधिकारी के पास बार-कोड स्कैनर होगा, जो कि आपके दस्तावेजों को उससे स्कैन कर वेरिफाइ करेगा, जिसकी पूरी डिटेल अधिकारी को मिल जाएगी।
पूरी तरह मान्य है ये सेवा
जिले में भी डिजी लॉकर सेवा मान्य कर दी गई है। इस एप के लांच होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। क्योंकि अक्सर लोग पेपरों को रखना भूल जाते हैं। ऐसे में अगर पेपर एप में रहेंगे तो लोगों को आसानी तो होगी ही साथ ही साथ पुलिस की परेशानी भी कम होगी। नालंदा के डीटीओ यानि जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद्र नाथ के मुताबिक यह पूरी तरह मान्य है। और डिजी-लॉकर एप लांच होने से लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डिजिलॉकर में क्या रख सकते हैं
डिजिलॉकर में आप ड्राइविंग लाइसेंस, किसी भी प्रकार के रजिस्ट्रेशन से संबंधित सर्टिफिकेट, प्रदूषण सर्टिफिकेट, वोटर आई कार्ड, पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न संबंधित डॉक्युमेंट्स, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, स्कूल- कॉलेज की मार्कशीट और अन्य सर्टिफिकेट के साथ मकान और जमीन की रजिस्ट्री जैसे जरूरी निजी और सरकारी दस्तावेज आप इसमें रख सकते हैं।
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आपको बता दें कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां ये सुविधा लागू की गई है। सभी डाटा के ट्रांसफर होने के बाद ये व्यवस्था लागू की गई है। इसकी खासियत है कि एक बार डाउनलोड होने के बाद इंटरनेट कनेक्शन नहीं रहने पर भी यह डि़जि लॉक में रहेगा।