पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को बड़ा झटका लगा है । नालंदा की अदालत ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद शरद यादव (Sharad Yadav) को दोषी ठहराया है। बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय ने पूर्व सांसद शरद यादव को सजा भी सुनाई है ।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ये मामला 2015 का है। सात अक्टूबर 2015 को पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था। उस समय शरद यादव जदयू के पक्ष में वोट मांगने गए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि सबलोग जदयू (JDU) को वोट दें। हिन्दू अगर जदयू को वोट नहीं देंगे तो भगवान स्वर्ग की जगह नरक देगा और मुसलमान वोट नहीं देगा तो अल्लाह उन्हें जन्नत के बदले जहन्नुम में डाल देगा। इसकी शिकायत मिलने के बाद उनके भाषण की वीडियो क्लीपिंग खंगाली गई। चुनाव आयोग ने अंचलाधिकारी को मामला दर्ज कराने का आदेश दिया। तब इस मामले में बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा के फर्दबयान पर आठ अक्टूबर 2015 को बिहार थाने में मामला दर्ज किया था।
अदालत ने सुनाया फैसला
बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय में आज आखिरी सुनवाई हुई। शरद यादव की कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई थी। तबीयत खराब रहने के कारण शरद यादव न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए । उनकी उपस्थिति के लिए न्यायालय से वारंट जारी किया गया था। प्रभारी एसीजेएम वन विमलेंदु कुमार ने वर्चुअल जुड़कर शरद यादव (Sharad Yadav Latest News) के खिलाफ लगाए गए आरोप की जानकारी दी।
शरद यादव पर जुर्माना लगा
इसके बाद पूर्व सांसद शरद यादव ने आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में अपराध स्वीकार किया। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत अलग-अलग एक-एक हजार और 500 रुपये, कुल ढाई हजार रुपये का जुर्माना किया गया। जिसे उनके अधिवक्ता ने कोर्ट नजारत में जमा किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को धारा 123 में एक हजार, धारा 188 में 1000 और धारा 171 में पांच सौ रुपये की सजा सुनाई गई।
तीन साल पहले मिली थी जमानत
तीन साल पहले शरद यादव पेशी के लिए बिहारशरीफ पहुंचे थे। जिसें जिला न्यायालय के प्रथम एसीजेएम सह वीआइपी विशेष दंडाधिकारी के कोर्ट से तीन हजार रुपए का बांड भरने के बाद शरद यादव को जमानत दे दी थी। अब उन्हें दोषी ठहराया गया है और ढाई हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है ।