पटना एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना के तीन संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई है। जिसमें एक महिला, एक पुरुष और एक किशोर शामिल है। इनकी मौत से आइसोलेशन वार्ड में कोहराम मच गया है। लोग निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह, चिकित्साधीक्षक डॉ. सीएम सिंह और नोडल पदाधिकारी डॉ. नीरज कुमार से मौत का कारण पूछते रहे, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी।
डॉक्टरों ने साधी चुप्पी
एम्स प्रशासन ने भारत सरकार की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. गाइडलाइन के मुताबिक आइसोलेशन वार्ड में रखे गए संदिग्धों की मौत का कारण, उनका नाम और पता नहीं बताया जा सकता है।
दो की रिपोर्ट निगेटिव
हालांकि कहा जा रहा है कि तीन मृतकों से दो की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि एक की अभी जांच चल रही है। रिपोर्ट आने तक तीसरे शव को गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षित अलग रखा गया है। निगेटिव रिपोर्ट आने वालों के शव स्वजनों को सौंप दिये गये हैं।
मंगलवार को 85 की स्क्रीनिंग, 12 आशंकित
पटना एम्स में 24 घंटे में 85 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसमें से 12 को कोरोना संदिग्ध मानते हुए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। 30 बेड के आइसोलेशन वार्ड में मंगलवार की देर शाम तक 23 संदिग्ध भर्ती थे। मंगलवार शाम तक आईं सभी आठ रिपोर्ट निगेटिव थीं।
फुलवारीशरीफ में पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार
कोरोना संदिग्धों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फुलवारीशरीफ सीएचसी (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) में पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। सीएचसी प्रभारी डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि अबतक आइसोलेशन वार्ड में एक भी संदिग्ध नहीं हैं।