बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नपे तौले बोल के लिए जाने जाते हैं। वो एक-एक शब्द चबा चबाकर बोलते हैं। मतलब ये कि नीतीश कुमार की गिनती देश के उन राजनेताओं में होती है । जिनके एक-एक शब्द मायने रखते हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के बयान से बिहार में सियासी पारा गरमा गया है । राजनीतिक पंडित अब समझने की कोशिश करने लगे हैं कि क्या वाकई बिहार में सियासी बदलाव के संकेत हैं । पिछले दो दिनों के घटनाक्रम को समझिए.. तस्वीर आप खुद समझ जाएंगे।
नीतीश कुमार ने क्या कहा
पेगासस मामले पर सड़क से संसद तक हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष जासूसी कांड पर संसद में चर्चा की मांग कर रही है । तो बीजेपी इसे विपक्ष का एजेंडा बताकर खारिज कर रही है। ऐसे में नीतीश कुमार के बयान के बाद सियासत ने नया रंग पकड़ लिया है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के साथ अपनी सहमति जता दी है । नीतीश कुमार ने फोन टैपिंग के मामले की जांच करने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में क्या हुआ है और क्या है, एक-एक बात की जांच होनी चाहिए।
A probe should be done, indeed. We have been hearing about telephone tapping for so many days, the matter should be discussed (in Parliament). People (Opposition) have been reiterating (for talks) for so many days, it should be done: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/LeNCddsyd8
— ANI (@ANI) August 2, 2021
कांग्रेस और आरजेडी केंद्र को घेरा
वहीं,नीतीश कुमार का बयान सामने आते ही कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर लिया है । कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, अब प्रधानमंत्री मोदी क्या कहेंगे ?
अब मोदी जी क्या कहेंगे ?#PegasusSnoopgate https://t.co/4PS2tw5Cox
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 2, 2021
आरजेडी का नीतीश कुमार पर कटाक्ष
आरजेडी सांंसद मनोज झा ने नीतीश कुमार ने कटाक्ष किया । मनोज झा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपने बयान पर कायम रहेंगे। वो दबाव में आकर अपना स्टैंड नहीं बदलेंगे और ये नहीं कहेंगे कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
I will request him (Nitish Kumar) to stick to his demand. I hope he does not come under pressure & say that my statement was misinterpreted: RJD MP Manoj Jha on 'Nitish Kumar demanding probe in Pegasus issue' pic.twitter.com/2RiryxjLOa
— ANI (@ANI) August 2, 2021
पीएम मैटेरियल वाले बयान पर क्या कहा
रविवार को जेडीयू के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया था। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि अभी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। लेकिन नीतीश कुमार में भी प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है । नीतीश कुमार भी पीएम मैटेरियल हैं। इस बारे में जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा तो उन्होंने इसे खारिज तो नहीं किया । हां, इतना जरूर कहा कि उन्हें इस तरह की बातों में कोई रुचि नहीं है । मतलब नीतीश कुमार ये भी कह सकते थे कि नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री हैं तो दूसरे नाम की जरूरत क्या है । लेकिन वो गोल मोल जवाब देकर निकल लिए।
Bihar chief minister Nitish Kumar is Prime Minister material, says JD(U) leader Upendra Kushwaha
Read @ANI Story | https://t.co/UHwZ1GW8Nh#JDU #PMmaterial pic.twitter.com/cYkAI4qRDO
— ANI Digital (@ani_digital) August 1, 2021
जातीय जनगणना पर केंद्र को फंसा दिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ये अंदाज पिछले 24 घंटे में बदला है। जब से CM ने ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की है, तब से उनके तेवर में बदलाव आया है। CM ने पहली बार जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष की चर्चा करते हुए कहा, उनके सुझाव पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए PM नरेंद्र मोदी से समय मांगेंगे।
मतलब समझिए
जो नीतीश कुमार कभी विपक्ष का नाम वो अपनी जुबान से लेते तक नहीं थे, अब उनकी चर्चा सार्वजनिक तौर पर कर रहे हैं। मतलब NDA में रहकर जिस तरह से विपक्षी दलों की चर्चा और विपक्षी नेताओं से मुलाकात नीतीश कुमार कर रहे, ऐसे में तो लग रहा है कि खेल कुछ और है ।
साल 2017 में आरजेडी को छोड़ा था
नीतीश कुमार ने साल 2017 में RJDका साथ महज इसलिए छोड़ दिया था कि तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। तब उन्होंने अंतरात्मा की आवाज की बात की थी और कहा था कि अब साथ में नहीं रहना चाहिए। फिर उन्होंने BJP के साथ सरकार बना ली थी। अब एक बार फिर उनकी अंतरात्मा करवट ले रही है।
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19 जुलाई को कुछ और कहा
नीतीश कुमार से 19 जुलाई को जब पेगासस मामले पर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि यह सब अच्छी बात नहीं है। उन्होंने फोन टैपिंग को लेकर हो रहे हंगामे पर कहा था कि वे तो तो शुरू से ही कह रहे हैं कि यह जो नई टेक्नोलॉजी आई है, इसके नफे-नुकसान पर भी गौर करना चाहिए। टेक्नोलॉजी का लाभ लोगों को मिलता है, लेकिन उसका लोग दुरुपयोग भी करते हैं। दोनों चीजें होती हैं। सोशल मीडिया का कितना इम्पैक्ट है, लेकिन उस सोशल मीडिया पर कोई अच्छी बात करता है तो बहुत लोग निगेटिव बात करते हैं। एंटी सोशल काम करते हैं। इसके लिये क्या किया जा सकता है’?
कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित
JDU की 31 जुलाई को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के दो प्रमुख मुद्दों जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। कहा गया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए दंड का प्रावधान नहीं हो। कानून से अधिक शिक्षा व जागरुकता जरूरी है।
नीतीश ने कहा कि इस फॉर्मूले को बिहार में हमने आजमाया है और सफल रहे हैं। वहीं, जातीय जनगणना पर बोले कि जातीय गणना इसलिए जरूरी कि इससे लोगों के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। जदयू के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिलेगा।