बिहार में कैदियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए नीतीश सरकार ने कई और नए जेल बनाने का फैसला किया है । इस बात की जानकारी बिहार विधान परिषद में मंत्री बिजेंद्र यादव ने दी। उन्होंने कहा कि अपराध के बाद अगर कार्रवाई होगी तो जेल में बंदियों की संख्या बढ़ेगी।
जेलों पर बढ़ रहा दबाव
बिहार सरकार के मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि कोरोना की वजह से अभी दो साल से कोर्ट भी पूरी तरह काम नहीं कर रहे था। ऐसे में बेल पर छूटने वालों की संख्या कम हुई तो जेल पर दबाव बढ़ा है। सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है।
बिहार में कितने कैदी
बिहार विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि राज्य की जेलों में 31 दिसंबर तक 51 हजार 934 कैदी बंद थे। जबकि इन जेलों की क्षमता 45 हजार 862 ही है। जिसमें मद्य निषेध कानून यानि शराबबंदी कानून के तहत बंदियों की संख्या 18 हजार 500 है।
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कहां कहां बनेंगे नए जेल
कैदियों की बढ़ती संख्या की वजह से बिहार सरकार ने कई जिलों में नए जेल बनाने का निर्णय किया है । जिसमें नालंदा जिला के राजगीर में, नवादा के रजौली के अलावा मढौरा, महाराजगंज, हथुआ, चकिया, पकड़ी दयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में भी एक-एक हजार क्षमता की जेल बनाने का फैसला हुआ है।
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और कहां कहां बनेंगे
दरभंगा में 772 कैदियों की क्षमता वाला जेल बनेगा। इसके अलावा निर्मली में 500 कैदियों की क्षमता की जेल के लिए जमीन मिल गई है। जबकि छपरा में 132, सहरसा में 158 पुरुष और 50 महिला कैदियों की क्षमता वाले जेल का निर्माण होगा। वहीं बेनीपुर में 158 कैदियों वाला नया बंदी कक्ष बनाने का भी फैसला हुआ है।
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कहां-कहां निर्माण जारी
बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि जेलों की क्षमता बढ़ाने के लिए भभुआ में 426, जमुई में 1030 क्षमता के और औरंगाबाद में नए जेल बनाये गये हैं। अरवल में 558 और पालीगंज में 535 कैदियों की क्षमता वाले जेल का निर्माण भी चल रहा है।