
कांग्रेस आलाकमान बिहार में बड़ी सर्जरी करने की तैयारी में है। बिहार के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा को हटा दिया गया है । मदन मोहन झा को राहुल गांधी ने दिल्ली तलब किया था । सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने मदन मोहन झा को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा था. जिसके बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
कांग्रेस में सवर्णों का दबदबा
कांग्रेस पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग पर गौर करें तो बिहार में कांग्रेस के 25 जिलाध्यक्ष सवर्ण हैं, अतिपिछड़ा 2, जबकि वैश्य एक भी नहीं है। पार्टी में अध्यक्ष पद सवर्ण के पास है। चार कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षों में से दो सवर्ण, एक दलित और एक मुस्लिम हैं। विधायक दल के नेता सवर्ण हैं। कांग्रेस कंपेनिंग कमेटी के चेयरमैन भी सवर्ण हैं। यानी प्रदेश स्तर के सात शीर्ष पदों में पांच सवर्ण के पास हैं, जिनमें तीन भूमिहार, एक राजपूत और एक ब्राह्मण हैं। पांच वर्षों में तीन बार विधान परिषद और राज्यसभा भेजने का मौका पार्टी को मिला तो पार्टी ने दो सवर्ण को उच्च सदन भेजा। राज्य सभा एक सवर्ण को भेजा। विधान सभा चुनाव 2000 में 70 सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा और उसमें 15 रिजर्व थीं। शेष 55 सीटों में से 33 सीटों पर सवर्ण को उतारा था।
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कौन-कौन
पार्टी सूत्रों की मानें तो बिहार में कांग्रेस दलित या अल्पसंख्यक कोटे से किसी को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. हालांकि भूमिहार कोटे से भी कई नाम चर्चा में हैं. रेस में जिन नामों की चर्चा है उसमें कांग्रेस विधायक राजेश राम, पूर्व विधायक अशोक राम और मीरा कुमार शामिल हैं। इसके अलावा तारिक अनवर, शकील अहमद खान भी रेस में शामिल हैं। जबकि सवर्ण कोटे से अध्यक्ष पद की रेस में कांग्रेस विधायक विजय शंकर दूबे और श्याम सुंदर सिंह धीरज, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी हैं.
कन्हैया पर दांव लगा सकते हैं राहुल
वहीं, कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी कन्हैया कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं. पार्टी कन्हैया कुमार पर अपना भरोसा कर संगठन को अपने परंपरागत वोटरों से जोड़ना चाह रही है.
गठबंधन टूटने से नुकसान
आपको बता दें कि बिहार में 24 सीटों पर हुए एमएलसी चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया। कांग्रेस ने लगभग आधा दर्जन सीटों पर आरजेडी को नुकसान पहुंचाया है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत पाई है। कांग्रेस के एक समर्थित उम्मीदवार की भी जीत हुई है। 24 सीटों पर हुए एमएलसी चुनाव से पहले 2 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस और राजद का गठबंधन नहीं हुआ था। अभी बोचहां में एक सीट पर उपचुनाव हुआ है, उसमें भी राजद और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ। कांग्रेस आलाकमान ने अब तक राजद और कांग्रेस के गठबंधन पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हाल के दिन में प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया लालू प्रसाद के पक्ष में आई थी।