बिहार की बेटी ने साबित कर दिया है कि वो बेटों पर भारी हैं। ऐसी है एक बेटी हैं अंकिता अग्रवाल। जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है । खास बात ये है कि इस बार सिविल सेवा परीक्षा में टॉप तीनों लड़कियां ही हैं। जिसमें दूसरे स्थान पर बिहार की बेटी अंकिता अग्रवाल हैं । अंकिता अग्रवाल का ये तीसरा प्रयास था। जिसमें उन्हें सफलता मिली । वो दूसरे प्रयास में भी सफल रहीं थी लेकिन IAS नहीं बन पाईं थी।
कौन हैं अंकिता अग्रवाल
अंकिता अग्रवाल मूलरूप से बिहार के मधेपुरा की रहने वाली हैं। उनका बचपन बिहारीगंज के गुदरी बाजार में गुजरा है। उनका घर गुदरी बाजार में पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास है ।
कहां से की पढ़ाई
अंकिता अग्रवाल की प्रारंभिक शिक्षा बिहारीगंज के मॉडर्न पब्लिक स्कूल में हुई है। इसके बाद वे अपने पापा के साथ कोलकाता शिफ्ट कर गईं।
इसे भी पढ़िए-श्रुति शर्मा बनीं IAS टॉपर.. जानिए कौन हैं और कहां से पढ़ाई लिखाई की हैं ?
कोलकाता से की 12वीं
दरअसल, अंकिता के दादा मालीराम अग्रवाल और पिता मनोहर अग्रवाल का बिहारीगंज में हार्डवेयर का व्यवसाय था। बिहारीगंज के व्यवसाय को उनके पापा अपने बहनोई को सौंप दिया और परिवार के साथ मनोहर अग्रवाल कोलकाता शिफ्ट कर गये। जिस कारण अंकिता ने 12 वीं तक की पढ़ाई कोलकाता से कीं।
इसे भी पढ़िए-क्लर्क का बेटा बना कलेक्टर.. IAS सौरभ सुमन यादव की सफलता की कहानी
सेंट स्टीफन के किया ग्रेजुएशन
अंकिता अग्रवाल ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से की। उन्होंने अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक किया। अग्रवाल ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीतिशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध चुना था।
तीसरे प्रयास में IAS बनीं
अंकिता अग्रवाल तीसरे प्रयास में IAS बनी हैं । पहले प्रयास में वो सफल नहीं हो पाईं थीं। लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता तो पाई । लेकिन IAS नहीं बन पाई।
दूसरे प्रयास में IRS मिला था
अंकिता अग्रवाल को दूसरे प्रयास में साल 2020 में भारतीय राजस्व सेवा मिला था। सिविल सेवा 2020 में उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) में हुई थी। वर्तमान में हरियाणा के फरीदाबाद में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) में ट्रेनिंग पर हैं।
सफलता का मंत्र
तैयारी और सफलता के मंत्र के बारे में पूछे जाने पर अंकिता अग्रवाल ने कहा, ”मैं परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक से अधिक घंटे देती थी। एक निश्चित संख्या में घंटे लगाने के बजाय, मैंने एक स्थायी अध्ययन कार्यक्रम बनाए रखने की कोशिश की।”
सफलता पर क्या कहा
मीडिया से बात करते हुए अंकिता अग्रवाल ने कहा कि ”मैं दूसरा स्थान पाकर बहुत खुश हूं। मैंने आईएएस चुना है और सेवा में शामिल होने के बाद महिला सशक्तिकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य और स्कूली शिक्षा क्षेत्रों के लिए काम करना चाहती हूं।”
यूपीएससी ने कहा कि कुल 685 उम्मीदवारों – 508 पुरुषों और 177 महिलाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की और आयोग ने विभिन्न केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनकी सिफारिश की है। शीर्ष 25 उम्मीदवारों में 15 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल हैं।