गया-राजगीर-बख्तियारपुर रेलरुट पर ट्रेन परिचालन में परिवर्तन.. जानिए क्या क्या हुए बदलाव

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गया-राजगीर-बख्तियारपुर रेलखंड पर चलने वाली 6 पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है । जिसमें राजगीर-बख्तियारपुर पैसेंजर ट्रेन और गया-बख्तियारपुर पैसेंजर ट्रेन शामिल है।

6 ट्रेन मेमू में परिवर्तित
रेलवे ने बख्तियारपुर-राजगीर-गया रेलखंड पर कन्वेनशनल रेक से चलने वाली 6 पैसेंजर ट्रेनों का अगली सूचना तक मेमू ट्रेन में परिवर्तित किया है। जिसमें ट्रेन संख्या 03621, 03622, 0626, 03623, 03625, 03625 शामिल है।

कौन-कौन ट्रेन मेमू में परिवर्तित
03621 राजगीर-बख्तियारपुर पैसेंजर स्पेशल
03622 बख्तियारपुर-राजगीर पैसेंजर स्पेशल
03626 गया-बख्तियारपुर पैसेंजर स्पेशल
03623 राजगीर-बख्तियारपुर पैसेंजर स्पेशल
03624 बख्तियारपुर-राजगीर पैसेंजर स्पेशल
03625 बख्तियारपुर-गया पैसेंजर स्पेशल

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क्या होगा फायदा
पैसेंजर ट्रेन को मेमू में परिवर्तित करने से यात्रियों को फायदा होगा। क्योंकि ये पैसेंजर ट्रेन की तुलना में कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचा देगी। दरअसल इस ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर लगी होती है, इस कारण यह तुरंत स्पीड पकड़ लेती है। साथ ही स्टॉप आते ही जल्द रुक भी जाती है। इससे समय की बचत हो जाती है। मेमू ट्रेन में 3 कोच एक साथ जुड़े रहते हैं। हर तीन कोच के बाद एक इंजिन लगाया जाता है। इस कारण ट्रेन के अंतिम या शुरुआती स्टेशन पर खड़े होने के दौरान इंजन बदलने या कोच काटने का काम नहीं करना पड़ता।

कई और ट्रेन सेवा बहाल
वहीं, यात्रियों की सुविधा हेतु दरभंगा-सीतामढ़ी के रास्ते गाड़ी संख्या 05525/05526 समस्तीपुर-रक्सौल-समस्तीपुर डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का परिचालन फिर से बहाल किया जा रहा है। गाड़ी संख्या 05525 समस्तीपुर-रक्सौल मेमू पैसेंजर स्पेशल प्रतिदिन समस्तीपुर से सुबह 04.00 बजे प्रस्थान कर सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रूकते हुए 09.40 बजे रक्सौल पहुंचेगी। यहां से वापसी में गाड़ी संख्या 05526 रक्सौल-समस्तीपुर डेमू पैसेंजर स्पेशल प्रतिदिन रक्सौल से 18.10 बजे प्रस्थान कर सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रूकते हुए 23.50 बजे समस्तीपुर पहुंचेगी।

क्या है मेमू ट्रेन
मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टी यूनिट (मेमू) बिजली से चलने वाली मेन लाइन ट्रेन है। जो कि ज्यादातर एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने का काम करती हैं। मुंबई की लोकल कही जानी वाली ट्रेनें मेमू ही हैं। इन ट्रेनों में रतार पैसेंजर ट्रेन से ज्यादा तेज होती है। यह ट्रेन मेट्रो शहरों के अलावा कई जगह सफल साबित हुई है। इसको चलाने के लिए एसी करंट की जरूरत होती है।

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