
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में अब जाति को लेकर ठन गया है । हालात ये है कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से वक्त मांगा लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से 7 दिन बीत जाने के बाद भी समय नहीं मिला है। ये बात खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया और इसे गंभीरता से लेने की बात कही है ।
‘गंभीरता से लेना होगा’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। इस मसले को गम्भीरता से लेना होगा।
‘जातीय जनगणना क्यों जरूरी’
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना 1931 में हुई थी। उसके बाद कभी जातीय जनगणना नहीं हुई है, जबकि अभी के दौर में ये कराना बेहद जरूरी है। जातीय जनगणना कराने से कई फायदे हैं। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी जाति की क्या स्थिति है? उसके विकास के लिए काम किया जा सकता है। अभी भी समाज में कई ऐसे तबके हैं, जो विकास से दूर हैं। यह जातीय जनगणना में पता चल जाएगा’।
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‘केंद्र सरकार का काम’
जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार कहा कि ये काम केंद्र सरकार का है। हालांकि कुछ राज्यों ने अलग से कराया था। जैसे कर्नाटक में जातीय जनगणना हुई थी। अलग से बिहार में गणना कराने के लिए आपस में बैठकर चर्चा की जाएगी, करना है कि नहीं। अभी तो फिलहाल यह उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार इसे कराएं
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‘राजनीतिक नहीं सामाजिक मुद्दा’
सीएम नीतीश ने जातीय जनगणना को राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है, सामाजिक मुद्दा है। इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। समाज के हित में यह जरूरी है कि जातीय जनगणना हो। हम लोग लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
We haven't received any reply (to the letter) from the PM yet. We want caste-based Census & it's our old demand. Caste-based Census will help all castes to get their exact numbers, to create policies accordingly. It's for the benefit of the country: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/HkM0fOuDPh
— ANI (@ANI) August 9, 2021
‘2 अगस्त को PM को चिट्ठी लिखे थे’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को लेकर 2 अगस्त को प्रधानमंत्री को नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय मांगा है।
‘अब तक नहीं आया जवाब’
सीएम के चिट्ठी लिखने के 8 दिन बाद भी प्रधानमंत्री का जवाब अब तक नहीं आया है। ना तो ‘हां’ या ‘ना’ का जवाब नहीं आया। मुख्यमंत्री अभी भी इंतजार कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री का जवाब आए।
सांसदों ने मांगा था वक्त
पांच दिन पहले JDU के सभी सांसदों ने ललन सिंह के नेतृत्व में PM से मिलने का समय मांगा था। जिसके बाद पीएमओ से जवाब आया कि गृह मंत्री अमित शाह से मिलिए। जिसके JDU के सभी सांसदों ने गृहमंत्री से मुलाकात की थी और जातीय जनगणना कराने को लेकर अपनी बात रखी थी।