बिहारशरीफ को स्मार्टसिटी बनाने के लिए काम तेजी से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा रास्ते में रोड़ा अटकाने का काम कर रहा है । अतिक्रमण की वजह से एजेंसियों को काम करने में समस्या हो रही है। क्योंकि जब एजेंसियां काम करती है तो अवैध कब्जाधारी उन्हें काम नहीं करने देते हैं ।
धनेश्वरघाट तालाब का जीर्णोद्धार
बिहारशरीफ के धनेश्वरघाट तालाब के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। लेकिन तालाब की भूमि का अतिक्रमण को लेकर काफी समस्या हो रही है। तालाब के पूरब और पश्चिम साइड में तालाब की जमीन का अच्छा-खासा अतिक्रमण कर लिया गया है । चेतावनी के बावजूद भी लोग जमीन खाली करने को तैयार नही है।
इसे भी पढ़िए-बख्तियारपुर का नाम बदला जाएगा.. जानिए अब क्या नाम रखने का है प्रस्ताव
आलाधिकारी मौके पर पहुंचे
जमीन पर अवैध कब्जाधारियों द्वारा काम में बाधा पहुंचाई जा रही थी। ऐसे में समस्या का समाधान को लेकर डीसीएलआर, सीओ और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को बुलाया गया । ताकि समस्या का ऑन द स्पॉट निवारण हो सके और तुरंत एक्शन लिया जा सके। नगर आयुक्त की मौजूदगी में सबसे पहले डीसीएलआर व सीओ ने संवेदक और अमीन से जमीन से संबंधित मामलों की जानकारी ली।
इसे भी पढ़िए-खुशखबरी.. बिहार के छह शहर बनेंगे मॉडल सिटी.. लिस्ट में नालंदा के 2 शहर शामिल
ठेकेदार का क्या है कहना
ठेकेदार ने अधिकारियों को बताया कि तालाब का बाउंड्री वाल करने में समस्या हो रही है। काम शुरू करते ही कुछ लोगों द्वारा जमीन पर अपनी दावेदारी बता कर काम को रोक दिया जा रहा है। कुछ का कहना है कि पहले अगला आदमी अतिक्रमण हटाएगा तो हम हटाएंगे। निगम और अंचल के अमीन ने भी बताया कि पूरब से ज्यादा पश्चिम साइड में अतिक्रमण है। लेकिन अतिक्रमण हटाने नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण काम में विलंब हो रहा है।
इसे भी पढ़िए-जब लोगों ने पूछा.. स्मार्टसिटी छोड़िए पहले आतंकवादी मच्छर से बचाइए, तो क्या हुआ ?
अधिकारी के सामने नहीं आए दावेदार
वहीं, जब समस्या के निष्पादन के लिए मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जमीन पर दावेदारी करने वाले सभी लोगों को बुलाया। ताकि उनके कागजात को भी ऑन स्पॉट ही देखा जा सके। लेकिन कोई भी सामने नहीं आए। संवेदक ने बताया कि काम जब शुरू किया जाता है तो सभी लोग आ जाते हैं। लेकिन जब अधिकारी पहुंचते हैं तो कोई सामने नहीं आता है। बुलाने पर कोई न कोई बहाना बनाकर घर पर नहीं रहने की बात कहकर टाल देते हैं।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में बनेगी एक और फोरलेन रोड.. कहां से कहा तक बनेगी फोरलेन जानिए
जमाबंदी रद्द का निर्देश
तालाब के पश्चित साइड में तीन मकान है। जिसका कुछ भाग अतिक्रमण में है। जांच में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया गैरमजरूआ जमीन होने के बाद भी अंचल द्वारा रसीद काट दिया गया है। इन लोगों का 2003 तक रसीद कटा हुआ है। सम्बंधित लोगों को पूर्व में ही नोटिस भेजा जा चुका है। लेकिन जब तक जमाबंदी रद्द नहीं किया जाएगा तब तक अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सकता है।
तालाब के मेड़ का अतिक्रमण
तालाब की मेड़ का ही अतिक्रमण कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक तालाब का मेड़ करीब 80 फिट बताया जा रहा है। जिसका आधा से भी अधिक हिस्सा अतिक्रमण में बताया जा रहा है।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में 10 लाख की रंगदारी मांगने वाला दो बदमाश गिरफ्तार.. सनसनीखेज खुलासा
चलाया जाएगा बुलडोजर
नगर आयुक्त ने कहा कि पूरब साईड में जितनी जमीन पर अतिक्रमण है उसे तोड़कर काम शुरू किया जाएगा। सबसे ज्यादा पश्चिम साइड में अतिक्रमण है। निगम का उद्देश्य किसी मकान को नुकसान पहुंचाना नही है। जो भी खाली जमीन है उसे स्वेछा से दे दें नहीं तो मापी में अतिक्रमण पाए जाने पर मकान को भी तोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने पर कार्रवाई होगी।
इसे भी पढ़िए-बिहार में बिछेगी तीन और नई रेललाइन.. नालंदा से बोधगया,नवादा, जहानाबाद को जोड़ने की योजना
नगर आयुक्त ने दिया डेडलाइन
अवैध कब्जे की वजह से धनेश्वर घाट तालाब के जीर्णोद्धार का काम 7 महीने बाद भी पूरा नहीं हो पाया है । जीर्णोद्धार का काम फरवरी में शुरू हुआ था और जून तक पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने की वजह से नगर आयुक्त ने कहा कि 5 अक्टूबर तक हर हाल में काम पूरा किया जाए।