ये खबर आपको सचेत करने वाली है। क्योंकि आप भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। आपके खाते से भी आप की गाढ़ी कमाई मिनटों में साफ हो सकता है और आपको मालूम भी नहीं चलेगा। क्योंकि आपके खाते से पैसे निकलने का मैसेज ही आपके फोन पर नही आएगा। ऐसा ही एक डॉक्टर और प्रोफेसर के साथ हुआ है।
क्या है पूरा मामला
मामला बिहार के मुजफ्फरपुर का है। एमपीएस साइंस कॉलेज के अंग्रेजी के प्रोफेसर डॉ. जेएन सिंह और शहर के एक डॉक्टर के खाते से 50 लाख से अधिक की राशि उड़ा ली गई है। खास बात ये है कि उनके खाते से पैसे निकल गए लेकिन ना तो उनके पास मैसेज आया और ना ही ई-मेल के जरिए जानकारी मिली।
कैसे पता चला
दरअसल, मीडिया में खबर आई की मुजफ्फरपुर के एमपीएस साइंस कॉलेज स्थित पीएनबी की शाखा में 1 करोड़ से ज्यादा का साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है । जैसे ही मीडिया में जानकारी आई वैसे ही कई लोग बैंक की शाखा पहुंचे और अपना पासबुक अपडेट कराना चाहा।
पासबुक अपडेट करने से इनकार
पीड़ित प्रोफेसर डॉ. जेएन सिंह के मुताबिक जब वे सोमवार को पासबुक अपडेट कराने बैंक पहुंचे तो कोई भी बैंक कर्मचारी पासबुक अपडेट करने को तैयार नहीं थे। सभी टाल-मटोल कर रहे थे। इसके बाद बैंक मैनेजर से मिलकर इसकी शिकायत की। वे भी पहले पासबुक अपडेट को लेकर हिचके। काफी दबाव देने पर एक महिला कर्मचारी को अपडेट करने को कहा।
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पासबुक अपडेट होने पर होश उड़ गए
प्रोफेसर साहब ने बताया कि जब क्लर्क ने उन्हें पासबुक अपडेट कर दिया तो उन्होंने उनसे पूछा कि सब ठीक है ना। बैंककर्मी ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद प्रोफेसर साहब ने पासबुक तो उनके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई।
कई बार पासबुक को चेक किया
उन्होंने कहा कि वे एक बार नहीं कई बार पासबुक को देखा, क्योंकि उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। आखिरकार उन्होंने बैंककर्मी से पूछा कि वो जो देख रहे हैं वो सही है किया। उन्होंने कहा कि कहीं दूसरे का अकाउंट तो मेरे में नहीं चढ़ा दिए हो?
प्रोफेसर साहब को 45 लाख की चपत
लेकिन उनके साथ तो खेल हो चुका था। उनके अकाउंट से 45 लाख रुपए निकाले जा चुके थे। साइबर फ्रॉर्ड ने आठ, नौ और दस अगस्त को उनके खाते से रुपये निकाले थे। आठ अगस्त को पांच लाख, फिर नौ अग्रस्त को पांच-पांच लाख चार बार और 10 अगस्त को पुन: पांच-पांच लाख चार बार में निकाले हुए थे।
एनआरटीजीएस से हुई थी निकासी
पीड़ित प्रोफेसर ने बताया कि अबतक राशि का ट्रांसफर आरटीजीएस और एनईएफटी से होता रहा है। लेकिन, उनके खाता से एनआरटीजीएस से निकासी की गई थी। जब उन्होंने बैंककर्मियों से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उनलोगों ने भी इसकी जानकारी होने से अनिभिज्ञता जतायी है। उनके खाते में 54 लाख से अधिक रुपये थे। करीब नौ लाख रुपये बचे हुए हैं।
नहीं आया मैसेज या मेल
प्रोफेसर ने बताया कि छोटी से छोटी निकासी करने के बाद भी बैंक के द्वारा रुपये निकासी की जानकारी मोबाइल पर मैसेज और ई-मेल के माध्यम से दी जाती रही है। इतनी बड़ी राशि निकल गयी, लेकिन पासबुक अपडेट करने के बावजूद मैसेज या मेल नहीं आया। इसके अलावा बैंक से एक लाख रुपये से अधिक की निकासी करने पर बैंक से कॉल भी आता है। लेकिन, वह भी नहीं आया।
बैंक कैशियर समेत कई बैंककर्मी गिरफ्तार
डॉक्टर और प्रोफेसर की शिकायत पर एसएसपी, सिटी एसपी, नगर डीएसपी और सदर थाने की पुलिस ने पीएनबी की साइंस कॉलेज शाखा में छानबीन की। मैनेजर और अन्य कर्मचारियों से एक घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद एक बैंककर्मी को पुलिस ने मौके से हिरासत में लिया है। उसे गोपनीय जगह रखकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने डॉक्टर का नाम बताने से इनकार कर दिया है । हालांकि अभी मामले की जांच चल रही है। ऐसे में आप सब से अपील है कि सावधान रहें और साइबर फ्रॉड से बचें