नालंदा में दर्दनाक सड़क हादसा.. बाइक सवार तीन दोस्तों की मौत

0

नालंदा में एक बार फिर रफ्तार का कहर देखने को मिला है । तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार तीन दोस्तों को रौंद दिया । जिसमें तीनों की मौत हो गई। जिन तीन दोस्तों की मौत हुई है । उसमें दो युवक अपने मम्मी पापा के इकलौते बेटे थे ।

कहां हुआ हादसा
हादसा राजगीर थाना क्षेत्र के गिरियक-राजगीर स्टेट हाइवे पर हुआ है। जहां अनियंत्रित ट्रक ने एक ही बाइक पर सवार तीन दोस्तों को धक्का मार दिया। जिसमें तीनों की मौत हो गई।

इसे भी पढ़िए-रेलमंत्री ध्यान दें.. बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर कभी हो सकता है बड़ा हादसा

मृतकों की पहचान हुई
तीनों मृतक युवक रामहरिपिंड गांव के रहने वाले थे और उनकी उम्र 15 से 18 वर्ष के बीच थी। इनमें से दो अपनी मां-बाप के इकलौते बेटे थे। मृतकों में 17 साल का रौशन कुमार , 15 साल का रंजन कुमार उर्फ दुलारचंद और 18 साल का आदित्य कुमार शामिल है।

इसे भी पढ़िए-चैती छठ महापर्व की शुरुआत, बड़गांव में छठ का क्या है महात्य जानिए

आटा लाने के लिए निकले थे घर से
परिजनों ने बताया कि दो दोस्त बाइक से आटा लाने के लिए गिरियक मोड़ के पास गये थे। इसी दौरान तीसरे ने फोन कर उन्हें बलवापर मोड़ के पास बुलाया। दोनों बाइक लेकर बलवापर मोड़ के पास पहुंचे। तीसरा दोस्त जैसे ही बाइक पर बैठा, सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक में धक्का मार दिया। धक्का लगते ही तीनों बाइक समेत सड़क किनारे गड्ढे में फेंका गये।

इसे भी पढ़िए-बिहार में सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी.. नीतीश सरकार ने दिया तोहफा

दो के पिता नहीं, तो तीसरे के बीमार
दो मृतक रंजन और आदित्य के पिता नहीं थे। रौशन के पिता बीमार रहते हैं। उनकी माता ही मेहनत मजदूरी कर घर का खर्च चलाती हैं। रौशन छह बहनों का इकलौता भाई था। वहीं, आदित्य भी दो बहनों का इकलौता भाई था। रंजन तीन भाई और दो बहनों में सबसे छोटा था। तीनों पढ़ाई कर रहे थे। परिवार को उनसे काफी उम्मीदें थीं।

इसे भी पढ़िए-10वीं पास को सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका.. रेलवे ने निकाली 2972 पदों के लिए वैकेंसी

2 साल पहले ही पिता का निधन
आदित्य के सिर से 2 साल पूर्व ही पिता बिहारी चंद्रवंशी का साया उठ चुका था। बीमारी की वजह से बिहारी चंद्रवंशी की मौत हो चुकी है। अब बेटे की मौत से परिवार और टूट चुका है। मेहनत मजदूरी कर आदित्य घर को चला रहा था।

वहीं, दुलारचंद तीन भाई और 2 बहनों में सबसे छोटा था। पिता सतेंद्र राजवंशी का 4 साल पूर्व बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। गांव वालों ने बताया कि दुलारचंद इतना हंसमुख था कि लोगों को हमेशा अपनी बातों से मनोरंजन करता रहता था।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In अपराध

Leave a Reply

Check Also

लोकसभा चुनाव के बीच BJP को बहुत झटका.. सुमो ने कह दिया अलविदा

2024 के रण का चौथा राउंड खत्म हो चुका है.. इस बीच बिहार में बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लगा ह…