बीपीएससी पेपर लीक (BPSC Paper Leak) में जांच अब अभ्यर्थियों की पहचान और पैसों के लेनदेन पर टिक गई है। तीन दिन की रिमांड पर लिए गए सुधीर कुमार सिंह और राजेश कुमार से गुरुवार को दिन भर एसआईटी में शामिल पुलिस अफसरों ने पूछताछ की। इस दौरान कई अभ्यर्थियों को भी चिह्नित किया गया जो इस सिंडिकेट के संपर्क में थे और पैसों का भुगतान भी किया गया। बताया जाता है कि इस गिरोह का कोई फिक्स रेट नहीं था। जैसे अभ्यर्थी उनके संपर्क में आए और जैसी डील हुई उसी के हिसाब से पैसे लिए जाते थे।
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्त में आए सुधीर कुमार सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर पैसों का लेनदेन किया गया। पेपर लीक कांड के इस गिरोह का सरगना पिंटू यादव के अलावा सुधीर ही वह शख्स है जिसके जरिए पैसों के लेनदेन के सबूत एसआईटी को मिले हैं। पिंटू यादव अभी गिरफ्त में नहीं आया है लिहाजा उसके संबंध में भी सुधीर से कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई। अधिकांश पैसों का लेनदेन चूंकि इन्हीं दोनों के जरिए की गई है लिहाजा सुधीर से इस बाबत राज उगलवाने की कोशिश जारी है।
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रिमांड पर लिए गए सुधीर और रमेश से गिरोह के संपर्क में रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों को लेकर भी पूछताछ की गई। कौन-कौन से अभ्यर्थी उनके संपर्क में थे और उनका जुगाड़ कैसे किया जाता था इस बाबत तहकीकात की गई। एसआईटी के अलग-अलग अधिकारियों ने उनसे इस बाबत सवाल-जवाब किए। इससे पहले कई बिंदुओं पर एसआईटी द्वारा होमवर्क कर लिया गया था। बताया जाता है कि अबतक दो दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों की पहचान कर ली गई है जो गिरोह के संपर्क में थे। इनके खिलाफ पैसों के लेनदेन को साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
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एसआईटी को पेपर लीक कांड में पकड़े गए अभियुक्तों द्वारा बड़े पैमाने पर पैसों के लेनदेन के सबूत मिले हैं। ज्यादातर लेनदेन यूपीआई के माध्यम से की गयी है। कब किससे और कितनी रकम मंगायी या भेजी गयी इसकी पुख्ता जानकारी के लिए यूपीआई से जुड़ी कंपनियों से जानकारी मांगी गई। इसकी डिटेल मिलने के बाद कई और अभ्यर्थी एसआईटी के रडार पर आएंगे। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर कवायद की जाएगी।